Amaltas blooming in my society, the yellow flowers motivated me to pen down some lines...
जब बढ़े खूब गर्मी का ताप
है तभी फूलता अमलतास
सूर्य रश्मियां चमक चमक
भर दें पुष्पों में अद्भुत रंग
पुष्पों के रंग दमक दमक
मानव मन में भर दें उमंग
बैशाख जेठ की आंधी में
झर झर पीले पुष्प झरें
बिन वसंत हो धरा वसंती
कैसी अद्भुत आभा ये
सुबह सुबह पगडंडी पर
पीत वर्ण चादर बिछ जाये
कितना स्वर्ण लदा वृक्षों पर
रिमझिम बरसा करता है
चल कर देखो पगडंडी पर
हर लेगा मन के संताप
जब बढ़े खूब गर्मी का ताप
है तभी फूलता अमलतास
---- डॉ शशि वर्मा

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